SB News Digital Desk,नई दिल्ली: Pulses Price : सरकार उठाने जा रही है ये बड़ा कदम, दालों की कीमतों में अब नही होगें बदलाव, आम जनता के लिए राहत भरी खबर। एक रिपोर्ट के अनुसार ये कहा जा रहा है कि अब दालों की कीमत नहीं बढ़ेगी। सरकार उठाने जा रही है ये बड़ा कदम। इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी के लिए खबर के साथ अंत तक बने रहे…
सरकार अब दालों की कीमतों (prices of pulses)को लेकर काफी सतर्क हो गई है और साफ संदेश दे दिया है कि वो किसी तरह की जमोखोरी को बर्दाश्त नहीं करेगी. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा है कि कि सरकार दालों और दूसरे फूड आइटम(other food items) की जमाखोरी को लेकर काफी सख्त हो गई है.
ऐसे में कोई भी व्यापारी इस तरह का कोई काम ना करें किे जिससे बाजार में आर्टिफिशियल कमी(artificial scarcity) या ऐसी कोई आशंका पैदा हो. यह बयान ऐसे समय में आया है जब बेमौसम बारिश हो रही है और देश मे फसल के नुकसान की आशंका बढ़ गई है. पिछले साल अक्टूबर में बेमौसम बारिश की वजह से फसल के नुकसान के बाद कम सप्लाई होने के कारण खरीफ दाल, तुअर के स्टॉक की जमाखोरी शुरू कर दी है.
अधिकारी अगले साल की अरहर की फसल को भी देख रहे हैं, जो मौसम विज्ञानियों की अल नीनो की भविष्यवाणी के सच होने पर प्रभावित हो सकती है. घरेलू दलहन बास्केट में अरहर की हिस्सेदारी 13 फीसदी है. सचिव रोहित कुमार सिंह के अनुसार अरहर की कीमत सरकार द्वारा व्यापारियों पर शिकंजा कसने के बाद स्थिर हो गई है, स्टॉक के खुलासे को अनिवार्य कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सरकार के पास अच्छा स्टॉक है.
रिपोर्ट के अनुसार इंपोर्टर म्यांमार में दालों की जमाखोरी कर रहे हैं और कीमत में इजाफे के बीच मुनाफावसूली कर रहे हैं. 27 मार्च को उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा राज्य सरकारों के कॉर्डिनेशन में इंपोटर्स, मिलर्स, स्टॉकिस्टों और व्यापारियों के तुअर के स्टॉक की निगरानी के लिए एक कमेटी का गठन करने के बाद दालों, विशेष रूप से अरहर की कीमतों में गिरावट शुरू हो गई.
केंद्र के हस्तक्षेप से 21 अप्रैल तक, 14,265 इंपोटर्स, व्यापारियों, मिलर्स और स्टॉकिस्टों ने अपने स्टॉक में 507,303 टन अरहर का खुलासा किया है, जबकि एक महीने पहले 12,850 बेनिफिशरीज ने 96,593 टन अरहर का स्टॉक किया था. वित्त वर्ष 2022-23 जुलाई-जून में तुअर का प्रोडक्शन 34 लाख टन (एमटी) होने की उम्मीद हैं, जबकि कृषि मंत्रालय(Ministry of Agriculture) ने अपने दूसरे एडवांस अनुमान में लगभग 37 लाख टन का अनुमान लगाया था.
हालांकि, उद्योग को उम्मीद है कि वर्ष के लिए उत्पादन 2.7-2.8 मीट्रिक टन कम रहेगा, क्योंकि अक्टूबर में मूसलाधार बारिश से महाराष्ट्र में अरहर की खड़ी फसल को नुकसान हो सकता है. सरकार का कहना है कि घबराने की जरुरत नहीं है, केंद्र के पास 150,000 टन अरहर का अच्छा स्टॉक है.