SB News Digital Desk,नई दिल्ली: Success Story : एक परिवार में 4 भाई बहनों ने रचा इतिहास, एक साथ बने IAS-IPS आप शायद ही ऐसे परिवार की कल्पना किए होंगे जिसमें चार सगे भाई-बहन आईएएस-आईपीएस हों. लेकिन हकीकत में ऐसा है. उत्तर प्रदेश में एक परिवार ऐसा है जिसमें रहने वाले चारों भाई-बहन अधिकारी हैं. आइए इस परिवार के बारे में जानते हैं.
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में एक मिश्रा परिवार हुआ करता है. जिसके मुखिया अनिल मिश्रा पत्नी के साथ दो कमरों के घर में रहा करते थे. उनके के हुए चार बच्चे- दो बेटे और दो बेटियां. जिनके नाम हैं योगेश, लोकेशन माधवी और छमा मिश्रा. अनिल मिश्रा ग्रामीण बैंक में मैनेजर थे. हमेशा से ही उनकी इच्छा थी कि चारो बच्चे बड़े होकर अफसर बने और नाम रोशन करें. इसलिए उन्होंने शुरू से ही बच्चों को खूब मेहनत से पढ़ाया. बच्चे भी पढ़ाई में होशियार थे.
सबसे पहले बड़े बेटे योगेश ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की. इसके बाद धीरे-धीरे सभी ने बड़े भाई की राह पर चलना सही समझा और तैयारी में जुट गए. सबसे पहले योगेश का ही सेलेक्शन भी हुआ. वह 2013 में आईएएस बने.
इसके बाद बाकी के तीन भाई-बहनों को हौसला आया और उन्होंने और मेहनत से तैयारी शुरू की. अगले ही साल यानी 2014 में माधवी का सेलेक्शन हुआ. उनकी ऑल इंडिया 62 रैंक आई. माधवी योगेश के बाद दूसरे नंबर पर हैं.
इसके बाद दूसरे भाई लोकेश ने साल 2015 में 44वीं रैंक के साथ कामयाबी हासिल की और आईएएस बने. लोकेश ने आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग किया है. लोकेश ने तो ऑप्शनल सब्जेक्ट में सोशियोलॉजी ही रखा था जो कि उनके भाई योगेश का भी सब्जेक्ट था.
चारो भाई-बहनों में सबसे छोटी क्षमा मिश्रा ने भी साल 2015 में यूपीएससी क्रैक की. उनकी 172 रैंक आई. इस तरह वह आईपीएस बनीं. तीन साल के भीतर चारो भाई-बहन आईएएस-आईपीएस बन गए.